जिले में पिछले दो माह में बेखौफ अपराधियों ने आपराधिक वारदात को अंजाम देकर लोगों को दहशत में साये में रहने का विवश कर दिया है।
महज दो माह के अपराध पर नजर डाले तो ऐसा लगता है कि जिले में अपराधियों पर पुलिस का कोई भय नहीं
है। जिससे आये दिन लूट, हत्या, बैंक लूट व छिनतई जैसी घटनाएं हो रही है। हर घटना के बाद पुलिस अपराधियों की जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करने की बात कहती है, लेकिन महीनों की भागदौड़ के बावजूद वह अधिकांश मामलों में आज भी हाथ ही मल रही है।
एक दो घटना को छोड़कर पुलिस अधिकांश मामलों में लकीर ही पीटती दिख रही है। अप्रैल व मई में हुये दो बैंक लूट मामले में पुलिस अब तक बैंक
लुटरों तक नहीं पहुंच पाई है। जबकि घटना हुए महीनों बीत चुके हैं। छोटी मोटी घटना पर अगर एक नजर डाली जाए तो प्राथमिकी के बाद वह फाइलों में दब कर दम तोड़ देती है।
पुलिस की सुस्त गति का ही परिणाम है कि सोमवार को अपराधियों ने दिनदहाड़े पूर्व सांसद व जदयू की जिला अध्यक्ष अश्वमेध देवी के भाई को गोलियों से छलनी कर 3.60 लाख रुपये की लूट कर ली। घटना के 24 घंटे बाद
भी पुलिस किसी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इस घटना के बाद तो मानो जिले की पुलिस की कार्यशैली पर लोग खुलकर बोलने भी लगे हैं। लोगों का कहना है कि आखिर पुलिस अपराधियों को पकड़ने में कहा चूक जाती है इसका पता नहीं चल रहा है। अप्रैल व मई महीने में ही सात हत्या, दो बैंक लूट, सात लूट व छह गोली मारकर जख्मी जैसी घटना ने जिले को हिला कर रख दिया है।